Not known Facts About bhairav kavach

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यह बटुक भैरव ब्रह्म कवच शत्रुओं, परेशानियों और समस्याओं को बेअसर करने का एक शक्तिशाली अस्त्र है।

हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः

जलमध्येऽग्निमध्ये वा दुर्ग्रहे शत्रुसङ्कटे ॥ २४॥

As per the legend, Sri Batuka Bhairva was a five-calendar year-outdated little one who was incarnated to diminish the demon named ‘’Aapadh’’. It may also be construed which the Slokam is usually to be recited to beat fears and hazards.

ವಕ್ಷಃಸ್ಥಲಂ ತಥಾ ಶಾಂತಃ ಕಾಮಚಾರೀ ಸ್ತನಂ ಮಮ

ನಾಸಾಪುಟೌ ತಥೋಷ್ಠೌ ಚ ಭಸ್ಮಾಂಗಃ ಸರ್ವಭೂಷಣಃ

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।

लज्जाबीजं तथा विद्यान्मुक्तिदं परिकीर्तितम् ॥ ९॥

ದಿಗ್ವಸ್ತ್ರಂ ಪಿಂಗಕೇಶಂ ಡಮರುಮಥ ಸೃಣಿಂ ಖಡ್ಗಶೂಲಾಭಯಾನಿ

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥





पातु read more मां बटुकोदेवो भैरवः सर्वकर्मसु।।

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